Sunday, November 24, 2019

क्या आप अपनी बीमारी के लक्षणों के लिए Google पर खोज करते हैं?


 हममें से ज्यादातर लोग बीमारी का निदान करने के लिए गूगल को  चुनते हैं और  बीमारी के लक्षणों को Google पर खोज कर निर्देशों का पालन करते हैं।

यदि आप भी ऐसा ही करते हैं, तो नए शोध आपको इस बारे में चेतावनी देते हैं। नए शोध के अनुसार, Google पर अपने रोग के लक्षणों की खोज करने वाले पांच में से दो व्यक्ति को बीमारी का गलत निदान मिलता है। लगभग 2000 अमेरिकी नागरिकों पर एक सर्वेक्षण में यह पता चला है कि इंटरनेट पर अपने स्वास्थ्य के लक्षणों की खोज करने वाले 34% लोगों को उनकी बीमारी का गलत  समाधान मिला है। जब उन्होंने इंटरनेट पर खोज की, तो उनहे पता चला कि उन्हें एक गंभीर बीमारी है, हालांकि उन्हें वास्तव में कोई गंभीर बीमारी नहीं थी।

सर्वेक्षण के अनुसार, 47% लोग जिन्होंने इंटरनेट पर अपनी बीमारी के लक्षणों को खोजा तो वे परिणाम देखने के बाद अधिक चिंतित हो गए।

यह सर्वेक्षण 'लेट्स गेट चेक्ड' के लिए वन पोल द्वारा किया गया था, जिसके बाद यह पता चला है कि 51% लोग रोग का निदान करने के लिए पहले एक विशेषज्ञ चिकित्सक से मिलते हैं।

दूसरी ओर 26% लोगों को बुनियादी चिकित्सा तक पहुंच नहीं है, जबकि हर 10 में से 6 लोग डॉक्टर के पास जाना पसंद नहीं करते थे। इन लोगों के डॉक्टर के न पास जाने  का कारण यह था कि वे अपना खर्च नहीं उठा सकते थे, जबकि 37%  लोग डॉक्टर से संतुष्ट न होने के कारण डॉक्टर के पास नहीं जाते सर्वेक्षण के अनुसार, 37% लोगों का मानना है कि उनके पास डॉक्टर के पास जाने का समय नहीं है। 47% लोग जो डॉक्टर के पास जाना पसंद करते हैं, उनका मानना है कि वे अपनी बीमारी देखते हुए, तय करते हैं कि इसका परीक्षण टेस्ट करना चाहिए या नहीं।

”लेट्स गेट चेकड के चिकित्सा निदेशक रॉबर्ट मोर्कन ने कहा कि सर्वेक्षण से पता चला है कि बड़ी संख्या में लोगों की अपनी बीमारी और लक्षण के आधार पर पता ही नही चली और वे अपनी बीमारी को समझ ही नही पाए।

उन्होंने कहा कि  खुद सचेत रहना अच्छी बात है लेकिन चिकित्सक के निर्देश अनुसार टेस्ट भी आवश्यक है।

सर्वेक्षण के अनुसार, अधिकांश लोगों को  ग्रन्थियों की समस्याएं होती हैं, लेकिन यह पूछे जाने पर कि शरीर के किस किस  हिस्से में ग्रंथियां मौजूद हैं सर्वेक्षण में  केवल 45% उत्तरदाता इस प्रश्न का सही उत्तर दे सके।

Friday, September 20, 2019

Vericose Veins


When you notice a little discoloration on someone's leg and upon closer inspection, you see that it is raised and swollen, with a bluish cast, then this is a varicose vein. This condition is very common, particularly in older people, those who are on their feet all day for work, and during pregnancy. And while most people who seek medical attention to deal with their varicose veins do it because they are unhappy with the way that they look, new research suggests that varicose veins might also be related to potentially dangerous blood clots. However, there was still an increase in cases of pulmonary embolism (PE), which are clots that lodge in a blood vessel of the lung, and peripheral artery disease (PAD), which is a narrowing of the arteries in areas of the body other than chest, most frequently in the legs, that reduces blood flow to those areas. The study was not designed to prove cause and effect, so we do not know whether the varicose veins actually cause the clots to form. However, the relationship appears to be significant enough not to ignore, especially since varicose veins are such a common problem. Since varicose veins are associated with inflammation, you may see some improvement in the condition from consuming anti-inflammatory foods. Foods rich in B-complex vitamins such as tuna, salmon, eggs, sweet potatoes, avocadoes, bananas, and broccoli can help protect blood vessels throughout the body. And you can further bolster your diet by eating foods known to have anti- inflammatory effects, such as ginger, turmeric, garlic,and blueberries It also treated by cupping therapy.
Benefits Of Cupping Therapy For Vericose Veins:-
1. Decreases inflammation.
2. Improves in blood circulation.
3. Helps in venous blood flow.
4. Decreases Vericose Conditons Removes clots.

Saturday, August 24, 2019

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Product Description

From our wide assortment of the products, we are actively engaged in offering optimum grade Hijama Wet Cupping (Wet cupping therapy Accessories) to our prestigious clients. The offered hijama wet cupping is widely admired among the customers to remove the harmful blood which lies just beneath the surface of the skin. These products are made employing optimum quality components and latest tools and technology. Moreover, we are offering these products at reasonable market rates.

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Tuesday, February 26, 2019

बवासीर की अचूक दवा।


Marham Mazoo
Action and Uses: It reduces burning and itching of Piles. (यह बवासीर की खुजली और जलन को कम करता है।)
Chief Ingredient: Mazoo (माज़ू)
Ingredients:
Mazoo (माज़ू) 50gm
Roghan Mom ( रोगन मोम) 500gm
Preparation: Ground well Mazoo with Roghan Mom. (माज़ू को को रोगन मोम के साथ खरल करें)
Use Indication: Paste on piles (बवासीर की जगह और मस्सो पर लगाएं)

Monday, January 28, 2019

फेल्प्स के शरीर पर गहरे लाल रंग के स्पाट का राज क्या है

2016 में ब्राजील के रियो शहर में ओलंपिक के 31 वे संस्करण का आयोजन किया गया इस मौके पर अमेरिकी तैराक माइकल फेल्प्स जब तेराकी कर रहे थे तो लोगों ने उनके शरीर पर कुछ गहरे लाल रंग के स्पाट देखें जिससे लोगों में इन स्पाट्स के बारे में जानने की उत्सुकता बनी  इस ओलंपिक में माइकल फेल्प्स के यह निशान चर्चा का विषय बने रहे बाद में पता चला की माइकल फेल्प्स ने कपिंग थेरेपी कराई हुई है जिसके यह गहरे लाल रंग के स्पाट है
माइकल फ़्रेड फ़ेल्प्स एक अमरीकी तैराक है और 23 ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता हैं (किसी भी ओलंपिक खिलाड़ी की तुलना में सबसे ज्यादा)। वर्तमान मे उनके नाम तैराकी के सात विश्व कीर्तिमान हैं।
उनके नाम किसी भी एक ओलंपिक मे सबसे अधिक स्वर्ण पदक(8) जीतने का रिकार्ड है ; कुल मिलाकर, फे़ल्प्स ने 28 ओलंपिक पदक जीते हैं : 2004 में छह स्वर्ण और दो कांस्य एथेंस में और आठ स्वर्ण 2008 के बीजिंग ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में। 8 स्वर्ण पदक जीतने के बाद उन्होंने सोवियत जिमनास्ट, अलेक्जेंडर दित्यातिन के किसी भी एक ओलिंपिक मे आठ पदक (किसी भी प्रकार के) के रिकार्ड की दो बार बराबरी कर ली है। (दित्यातिन : 1980 मास्को; फे़ल्प्स : एथेंस 2004 और बीजिंग 2008) और कैरियर के कुल ओलम्पिक पदकों की सूची मे भी वो कुल 28 पदक (23स्वर्ण,3 सिल्वर,2 कास्य) के साथ पहले स्थान पर हैं।
फे़ल्प्स को अपने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय खिताबों और विश्व कीर्तिमानों, के परिणामस्वरूप वर्ष 2003, 2004, 2006 और 2007 में वर्ष का सर्वश्रेष्ठ विश्व तैराक के पुरस्कार से सम्मानित किया गया, साथ ही वो वर्ष 2001, 2002, 2003, 2004, 2006 और 2007 मे अमेरिका के सर्वश्रेष्ठ तैराक रहे। अभी तक फे़ल्प्स ने अपने कैरियर में कुल 48 पदक जीते हैं
फेल्प्स ही नहीं उनके हमवतन और जिमनास्ट एलेक्स नैडर और बेलारूस के तैराक पावेल सैंकोविच के शरीर पर भी ऐसे ही दाग हैं. सवाल है ये आखिर हैं क्या? किसी प्रकार की बीमारी...कोई एलर्जी या



कुछ और!
फेल्प्स के शरीर पर गहरे लाल रंग के स्पाट का राज क्या है...दरअसल, ये एक प्रकार के थेरेपी है. आम भाषा में इसे कपिंग थेरेपी कहा जाता है जो एशियाई देशों और खासकर चीन में खासा लोकप्रिय है. माना जाता है कि इसकी शुरुआत करीब 2000 साल पहले चीन में हुई थी. कपिंग थेरेपी के तहत शीशे के एक कप किसी जलती हुई
चीज (मोमबत्ती या कुछ और) को डालकर शरीर पर उल्टा रख दिया जाता है. कप में आक्सिजन की कमी होने के साथ ही लौ बुझने लगती है. और फिर एक वैक्यूम बन जाता है.
वैक्यूम होने और हवा का दूसरा कोई मार्ग न होने से एक स्किन में एक खिंचाव पैदा होने लगता है. इसके बाद स्किन खींच कर शीशे के कप से चिपक जाती है. एथलीट्स के मुताबिक ये तरीका दर्द मिटाने और लगातार खेलने से पैदा हुए तनाव को कम करने में बेहद काम आता है.
कपिंग को लेकर जानकार क्या कहते हैं...
कुछ शोधों में बताया गया है कि कपिंग कैंसर के दर्द या कमर के दर्द में भी बेहद कारगर है. कपिंग के भी दो तरीके हैं. एक वेट कपिंग (wet cupping), जिसमें स्किन को थोड़ा काटा जाता है. इस कारण थेरेपी के दौरान खून खाली शीशी में भरता चला जाता है. वेट कपिंग, जिसमें खून को शरीर से निकाला जाता है..
वैसे, क्या ज्यादा कपिंग थेरेपी लेने से शरीर पर कोई बुरा असर भी पड़ता है? इसे लेकर स्थिति बहुत ठोस जानकारी चिकित्सा क्षेत्र में मौजूद है. चिकित्सा विज्ञान में इसके भी पुख्ता प्रमाण  है कि इससे कितना फायदा होता है. वैसे, आम धारणा यही है कि ये सुरक्षित है और इसे लेने वाले भी इसे फायदेमंद बताते हैं.
पैगम्बर मोहम्मद साहब और आचार्य सुश्रुत ने भी हिजामा के बहुत से फायदे बताये हैं। इसे अरबी में हिजामा, चीनी और अंग्रेजी में कपिंग, मिस्र में इलाज बिल कर्न व भारत में रक्त मोक्षण नाम से जाना जाता है।
इससे जुड़े चिकित्सक कम होने के कारण यह ज्यादा प्रचलित नहीं है।शरीर को निरोगी बनाए रखने का काम रक्त पर निर्भर है। रक्तसंचार शरीर के सभी अंगों को स्वस्थ रखता है। यह थैरेपी रक्तसंचार के अवरोध को खत्म कर अंगों तक पर्याप्त मात्रा में रक्त पहुंचाती है। इस चिकित्सा के तहत रक्त में मौजूद विषैले पदार्थ, मृत कोशिकाओं व अन्य दूषित तत्त्वों को बाहर निकालकर रोगों से बचाव किया जाता है।
थेरेपी को बहुत ही असरदार और आरामदायक माना जाता है क्योंकि कापिंग थेरेपी से हमें पीठ दर्द को रोकने में मदद मिलती है, और यह मांसपेशियों को भी आराम देती है. कपिंग थेरेपी से अद्भुत लाभ होते हैं, यह चिकित्सा आपकी त्वचा पर लाल निशान भी छोड़ देती है, लेकिन इसका परिणाम 100% है।